Wednesday, February 11, 2009

तापमान में आई गिरावट

हिसार 10 फरवरी
पिछले कुछ दिनों से सूरज के गर्म होते तेवरों को मंगलवार को छाए बादलों ने ठंडा कर दिया और मौसम में ठंडक फैल गई। सुबह से ही छाए बादलों के कारण शाम को हल्की बूंदाबांदी भी हुई। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के अनुसार आने वाले तीन-चार दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले बादलों में गरज व चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है तथा इसके बाद में आंशिक बादल छाए रहने व तापमान में गिरावट आने की संभावना है। इस दौरान अधिकतम तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच तथा न्यूनतम तापमान 3 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। हवा की गति 6 से 9 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी और इसकी दिशा में बदलाव की संभावना है।
मौसम की संभावित परिस्थितियों को देखते हुए कृषि विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि बरसात की संभावना के चलते किसान गेहूं, पछेती सरसों, जौ व अन्य फसलों में दो-तीन दिन तक सिंचाई नहीं करें। जो सूरजमुखी की खेती करना चाहते हैं वो मौसम साफ होने पर ही बिजाई करें व इसके उन्नत किस्में हरियाणा सूरजमुखी नं. 1 तथा संकर किस्में केबीएसएच-1, पीएसी-36, एमएसएफएच-8, पीसीएसएच-234, केबीएसएच 44, एचएसएफएचञ्-848 का प्रयोग करें।
विशेषज्ञयों के अनुसार बादल छाए रहने के कारण सरसों की फसल पर माहू, चेपा या अल का प्रकोप हो सकता है। यदि ऐसा हो तो 250 से 400 मिलीलिटर मैटासिस्टाक्स 25 ईसी या रोगोर 30 ईसी को 400 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ मौसम साफ होने पर ही छिडक़ाव करें।
उन्होंने बताया कि बसन्तकालीन टमाटर व मिर्च की पौध की खेत में रोपाई करें प्याज व लहसुन की फसलों की आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करें। पशुओं से संबंधित सलाह देते हुए उन्होंने बताया कि यदि गाय-भैंस को मुंह व खुरपका बीमारी से बचाव का टीका अब तक न लगवाया हो तो ये टीके लगवा लें। ये टीके पशुचिकित्सालय में मुफ्त लगते हैं। पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए चारे के साथ प्रतिदिन 50 ग्राम आयोडीन युक्त नमक व 30 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य खिलाएं।
विशेषज्ञयों के अनुसार बादल छाए रहने के कारण सरसों की फसल पर माहू, चेपा या अल का प्रकोप हो सकता है। यदि ऐसा हो तो 250 से 400 मिलीलिटर मैटासिस्टाक्स 25 ईसी या रोगोर 30 ईसी को 400 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ मौसम साफ होने पर ही छिडक़ाव करें।
उन्होंने बताया कि बसन्तकालीन टमाटर व मिर्च की पौध की खेत में रोपाई करें प्याज व लहसुन की फसलों की आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करें। पशुओं से संबंधित सलाह देते हुए उन्होंने बताया कि यदि गाय-भैंस को मुंह व खुरपका बीमारी से बचाव का टीका अब तक न लगवाया हो तो ये टीके लगवा लें। ये टीके पशुचिकित्सालय में मुफ्त लगते हैं। पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए चारे के साथ प्रतिदिन 50 ग्राम आयोडीन युक्त नमक व 30 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य खिलाएं।

पांच दिवसीय कार्यशाला संपन्न

हिसार 10 फरवरी
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में बागवानी विस्तार प्रबंधन विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला मंगलवार को संपन्न हुई। विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशालय तथा राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) हैदराबाद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कराई गई उक्त कार्यशाला में प्रदेश के बागवानी विकास अधिकारियों तथा वैज्ञानिको सहित तीस प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। मैनेज हैदराबाद के उप दिनेशक डॉ. मोहम्मद अब्दुल करीम तथा मेजबान विस्तार शिक्षा निदेशालय के संयुक्त निदेशक डॉ. जोगेन्द्र सिंह मलिक ने क्रमश: मुख्य संयोजक और क्षेत्रीय संयोजक के रूप में शिरकत की।
समापन समारोह में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. आरएस दलाल ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। डॉ. दलाल ने प्रतिभागियों को कृषि व बागवानी विकास से जुड़ा कृषि साहित्य भी प्रदान किया।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. दलाल ने प्रतिभागियों से आहवान किया कि वे कार्यशाला अवधि में अर्जित नवीनतम ज्ञान से अपने क्षेत्रों के किसानों को अवगत करवाएं। उन्होंने प्रतिभागियों को अपने स्तर पर भी अपने कार्यस्थलों पर तकनालौजी विस्तार से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन की सलह दी।
कार्यशाला के क्षेत्रीय संयोजक डॉ. जोगेन्द्र सिंह के अनुसार उक्त अवधि के दौरान विश्वविद्यालय के बागवानी व सब्जि विभागों के विषय विशेषज्ञों ने सारगर्भित व्याखानों, संभाषणों व दृश्य-श्रव्य साधनों द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. एचडी यादव ने कार्यशाला का उद्घाटन किया तथा विश्वविद्यालय द्वारा तकनीकी स्थानांतरण के बारे में बताया। मैनेज के उपनिदेशक डॉ. करीम ने मुख्य अतिथि व प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त् किया।

लघु सचिवालय में बनेगी ऐतिहासिक वस्तुओं की प्रदर्शनी गैलरी

हिसार, 10 फरवरी
जिले के ऐतिहासिक स्थलों, भवनों व अन्य ऐतिहासिक महत्व वाली वस्तुओं को दर्शाने तथा लोगों को जिले के विभिन्न पहलुओं बारे जानकारी देने के लिए शीघ्र ही लघु सचिवालय के परिसर में एगजिबिशन गैलरी स्थापित की जाएगी। इस कार्य के लिए कमेटी गठित की गई है जिसमें जिला पुरात्व विभाग, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग तथा जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी शामिल है।
यह बात उपायुक्त ओपी श्योरान ने उपायुक्त कार्यालय के बैठक क क्ष में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि एगजिबिशन गैलरी के स्थल के चयन के लिए लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता सहित कमेटी के सदस्यों को निर्देश दे दिए गए है। तब तक एक सप्ताह के भीतर अस्थाई तौर पर उपायुक्त कार्यालय के रिसैपशन के समीप यह गैलरी स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से तेजी से विकसित होंगे। इसके लिए हमें अभी से प्रयास करने चाहिए। यह एगजिबिशन गैलरी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि फसलों की कटाई विशेषकर गेहूं की कटाई के बाद खेतों में शेष बचे भूसे को जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यदि ऐसा कोई जानबूझकर करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से एक और जहां पर्यावरण प्रदूषित होता है वहीं भूमि की उर्वरा शक्ति कम होने के साथ-साथ मित्रकीट भी मर जाते है जिससे पैदावार में कमी आ जाती है। इस कार्य की देखरेख उपनिदेशक कृषि करेगा। ये आदेश सभी पर लागू होंगे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक भवनों व कार्यालयों पर पोस्टर चस्पा करना, विज्ञापन प्रदर्शित करना तथा नारे इत्यादि लिखकर इन स्थलों को गंदा करने वाले व्यक्ति तथा संस्थान के खिलाफ डिफेसमैन्ट ऑफ पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। निजी सम्पत्ति को गंदा करने के मामले में प्रोपर्टी के मालिक को इसकी शिकायत करनी होगी तथा सार्वजनिक सम्पत्ति की स्थिति में संबंधित विभागाध्यक्ष इसकी सूचना प्रशासन को देगा। इसके अतिरिक्त सार्वजनिक सम्पत्ति को साफ-सुथरा रखने के लिए संबंधित विभागाध्यक्ष की जानकारी होगी।
उन्होंने कहा कि जिले में साढ़े 16 करोड़ रुपए की लागत से मलिन बस्ती विकास योजना शुरू हो चुकी है। इस योजना के अंतर्गत मलिन बस्तियों में आवास, स्वच्छ पेयजल, सिवरेज, सडक़ें तथा स्ट्रीट लाईट आदि की व्यवस्था की जाएगी। इस योजना के पहले चरण के अंतर्गत भवन निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है।
उपायुक्त ने कहा कि सरकार के लिए नरेगा एवं सौ-सौ गज के प्लॉट आबंटित करने की योजना बहुत महत्वपूर्ण है। नरेगा योजना के अंतर्गत फंड की कोई कमी नहीं है। विभिन्न विभाग नरेगा योजना के तालमेल करके विकास कार्य करवाए। 100-100 गज आबंटन करने में यदि किसी प्रकार की दिक्कत आ रही है तो संबंधित अधिकारी जिला प्रशासन के नोटिस में लाए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार राव ने यातायात व्यवस्था बारे बताते हुए कहा कि हिसार शहर में यातायात की समस्या नहीं है, आवश्यकता है यातायात के नियमों बारे लोगों को जागरूक करने की। उपायुक्त ने प्रैस वार्ता के माध्यम से अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को ऐसे थ्रीव्हीलर या वाहन में ही स्कूल जाने के लिए बैठाए जिस वाहन या थ्रीव्हीलर की कंडिशन अच्छी हो और उसके पास सभी कागजात् पूरे हो। ओवरलोडिड थ्रीव्हीलर या वाहन की सूचना प्रशासन को दे तथा अपने बच्चों को इन ओवरलोडिड वाहनों में न बैठने दें। पत्रकार सम्मेलन में प्रशिक्षणाधीन आयुक्त मकरंद खेतमालिश उपस्थित थे।


Tuesday, February 10, 2009

हर महीने अपडेट की जाएगी हिसार की वेबसाइट

हिसार 10 फरवरी
राष्ट्रीय सूचना -विज्ञान केंद्र की हिसार इकाई द्वारा जिले की अधिकृत वैबसाइट http//hisar.nic.in पर विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली की जानकारी, जन उपयोगी सूचनाएं, जिले की ऐतिहासिक पृष्टभूमि आदि का वितरण डाला हुआ है। इस वैबसाइट पर विभिन्न विभागों के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं, उनकी प्रगति रिपोर्ट तथा प्रयोग होने वाले प्रपत्र एवं भरने की प्रक्रिया आदि की जानकारी अंकित है।
यह जानकारी उपायुक्त ओपी श्योरान ने लघु सचिवालय के प्रशासनिक सभागार में आयोजित अधिकारी बोर्ड की बैठक को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि इस वैबसाइट को और अधिक जन उपयोगी बनाने के लिए इसको हर महीने अपडेट किया जाएगा। इसके लिए सभी विभागों का सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने सभी विभागों को 15 फरवरी तक डीआईओ, एनआईसी को अपने विभाग की सूचना एवं प्रगति रिपोर्ट सीडी एवं हस्ताक्षारित हार्ड कॉपी के माध्यम से भेजने के निर्देश दिए जिससे इन सूचनाओं को वैबसाईट पर डाला जा सके। इसके साथ-साथ सभी विभाग विभिन्न प्रोफार्मा को भी एनआईसी को उपलब्ध करवाए तथा समय-समय पर इन प्रोफार्मा में होने वाली तबदीली को भी तुरंत सूचित करें। उन्होंने सभी विभागों को प्रत्येक माह के पहले सप्ताह के भीतर ही अपने विभाग की नवीनतम सूचना एनआईसी को उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यकलापों में पारदर्शिता लाने की दिशा में सभी विभागों की प्रगति रिपोर्ट को एक वैबसाईट पर लाना एक सकारात्मक एवं सराहनीय कदम है। इससे आम जनता को भी विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारी सुगमता से उपलब्ध हो सकेगी।
सभी विभागाध्यक्षों को सार्वजनिक स्थलों एवं कार्यालयों में धूम्रपान निषेधाज्ञा लागू करने बारे निर्देश देते हुए उपायुक्त ने कहा कि तम्बाकू अधिनियम 2008 के तहत सार्वजनिक क्षेत्रों में धूम्रपान निषेध है तथा कार्यालय में इस अधिनियम को लागू करने के लिए विभागाध्यक्ष जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने वाले दोषी व्यक्ति के खिलाफ 100 रुपए का जुर्माना लगाया जाए। इस अधिनियम को सभी विभाग सख्ती से लागू करें। इसके लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है जो इस अधिनियम के लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
उन्होंने कहा कि गांवों में फसलों में विशेषकर गेहूं की कटाई के बाद खेतों में शेष बचे भूसे को जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध है। ऐसा करने वाले दोषी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अनिल कुमार राव ंने कहा कि भूसे में आग लगाने से जानमाल दोनों के ही नुकसान की संभावना बनी रहती है। गत वर्ष ऐसी कई घटनाएं प्रकाश में आई जिसमें पराली को जलाने पर इसने गंभीर दावानल का रूप ले लिया। उन्होंने कहा कि गांव के समीप के खेतों में पराली जलाने से आग की लपटों का गांवों में फैलने का खतरा बना रहता है इसलिए सरकार द्वारा पराली जलाने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह की आगजनी की घटना दुर्भाग्य से घटित भी हो जाए तो दो ट्रैक्टरों के साथ हैरो लगाकर इसे साथ-साथ चलाए, जिससे मिट्टी आदि की ंएक लाईन बन जाएगी जो आग को फैलने से रोकने में मददगार होगी। उन्होंने सभी नागरिकों एवं अधिकारियों से इस तरह की दुर्घटनाओं तथा पराली में आग लगाने वालों बारे सूचना देने बारे भी आहवान किया।
इस अवसर पर नगराधीश अशोक गर्ग, प्रशिक्षाधीन आयुक्त मकरंद खेतमालिश सहित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

विकास संबंधी संपूर्ण जानकारी जनता को दें: उपायुक्त

हिसार, 10 फरवरी
ग्रामीण क्षेत्र में करवाए जाने वाले विकास कार्यों में आम लोगों की भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए संबंधित सभी विभाग अपने विकास कार्यों की संपूर्ण जानकारी लोगों को दें, जिससे इन विकास कार्यों की सामाजिक मूल्यांकन बेहतर तरीके से किया जा सके। इस कदम से जहां एक तरफ विकास कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी वहीं इनके क्रियान्वयन में तेजी आएगी।
ये बात उपायुक्त ओपी श्योरान ने लघु सचिवालय स्थित बैठक कक्ष में अधिकारी बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जिले में अधिकृत जमीन को खाली करवाने के भी उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को मुफ्त 100-100 वर्गगज के प्लॉट देने के बारे में निशानदेही करने के भी निर्देश दिए। इसके लिए संबंधित अधिकारी अपने निर्धारित टारगेट को पूरा करें। इसमें किसी प्रकार की कोताही बरतें और अगर इस कार्य में किसी तरह की समस्या रही है तो इसकी सूचना तुरंत उपलब्ध करवाए ताकि उस पर कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने क्षेत्र के पोलिंग बूथ की स्थिति की सही जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी को उपलब्ध करवाए। इसके साथ-साथ संवेदनशील पोलिंग बूथ के बारे में जानकारी भी एकत्रित करें। ये सभी कार्य समय अवधि में पूरे कर लिए जाए। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार राव, नगराधीश अशोक गर्ग, प्रशिक्षाधीन आयुक्त मकरंद खेतमालिश सहित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

ग्रीन हाउस गैसों प नियंत्रण पाना बड़ी चुनौती: शैनल

हिसार 10 फरवरी
ग्रीन हाऊ स गैसों पर नियन्त्रण पाना आज पर्यावरण के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है। ग्रीन हाउस गैसों की वजह से 5 से 8 डिग्री फॉर्नहाइट धरती का तापमान बढ़ चुका है। यह एक चिन्ता का विषय है इसके लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति व आर्थिक व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता है। ये बात अमेरिका में नेशनल ओश्यिेनिक एंड एटमोसफिरिक एडमिनिस्ट्रेशन के उपनिदेशक डॉ. रस शैनल ने गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन कही। यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन विवि के पर्यावरण विभाग द्वारा 'पर्यावरणीय बदलाव दौर एवं सत्त विकासÓ विषय पर आयोजित किया गया हे।

डॉ. शैनल ने कहा कि मानटे्रल प्रोटोकाल के कारण ओजोन परत को खतरा पैदा करने वाली गैसों में काफी कमी आई थी जो कि अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक इच्छा शक्ति का उदाहरण है। उन्होंने चिंता जाहिर की कि वर्ष 2005 के बाद एचसीएफसी ओजोन परत के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बनकर सामने आई है और इसका निरंतर उपयोग ओजोन परत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बन गया है।
टोकियो विश्वविद्यालय जापान के प्रो. मासाटाका मुराहारा ने अपने वक्तव्य में सुझाव दिया कि ऑफशोर इलेक्ट्रोलाइसिस प्लांट लगाना चाहिए, जिससे विश्व में र्इंधन संकट व ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पैदा हुई समस्याओं को कम किया जा सकता है ताकि बिना संसाधन नष्ट किए सतत विकास जारी रह सके । प्रो. मुराहारा ने कहा कि सोडियम सस्ता तथा पुन: इस्तेमाल में आने वाला व सतत पदार्थ है जिससे न तो कार्बन डायोक्साईड और न ही रेडियेशन निकलती है।

कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रो. रीता सिन्हा दासगुप्ता ने कहा कि जीवन में तरक्की करना मानव सभ्यता मेें निरंतर देखा जा सकता है, जबकि तरक्की के मायने दुनियाभर में पर्यावरण व सतत असूलों को लेकर समय-समय पर विविध रहे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग दिल्ली के निदेशक डॉ. एसडी अत्री ने कहा कि अव्यवस्थित तरीके से उद्योग और शहरों का फैलाव पर्यावरण के लिए एक समस्या बन गया है। हवा की गुणवत्ता में कमी आने का सबसे बड़ा कारण शहरीकरण व औद्योगिकीकरण है। प्रदूषण के कारण जीवन के हर क्षेत्र में विपरीत असर देखे जा सकते हैं।

यह सम्मेलन बुधवार को भी जारी रहेगा। इस अवसर पर विवि के कुलपति डॉ. डीडीएस संधू, तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. सीपी कौशिक, पर्यावरण विभाग के अधिष्ठाता व अध्यक्ष प्रो. नरसी राम बिश्नोई, आयोजक सचिव प्रो. अनुभा कौशिक, प्रो. वीके गर्ग, मुकुल बिश्रोई, जितेंद्र पाल आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

Thursday, March 20, 2008

होली खेलें मगर ध्यान से

हिसार. इस बार की होली में यदि आपने रंग-बिरंगा होने का मन बना लिया है तो इसकी पूरी तरह से तैयारी कर लें। बाजार में उपलब्ध रंगों के साइड इफेक्ट के चलते लापरवाही में आपको काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। चिकित्सकों की मानें तो बाजार में उपलब्ध रंगों में एसिड व एल्कली के अलावा तारकोल व केरोसिन जैसे हानिकारक तत्व शामिल हैं।
यह कलर आंखों में जाने से जहां रोशनी तक जाने का खतरना है, वहीं मुंह व नाक के जरिए गले में जाने से फेफड़े को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही नहीं ये कलर लापरवाही पर स्किन की काफी बीमारियों को भी आमंत्रण देते हैं। बावजूद इसके कुछ सावधानी बरतने पर इन सभी खतरों से बचा जा सकता है।
वाटर कलर से बचेंनगर के वरिष्ठ फिजीशियन और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रविंद्र गुप्ता का कहना है कि बाजार में उपलब्ध कलर कैमिकल युक्त होते हैं और इनमें क्या मिला है, इसका किसी को भी पता नहीं होता है। आमतौर पर कलर में एसिड और एल्कली के अलावा तारकोल व केरोसिन आदि होते हैं। यदि यह मुंह, नाक व कान में चले जाएं तो नुकसान हो सकता है। कैरोसिन कोई गलती से थोड़ा सा भी पी ले तो उसे गंभीर रूप से निमोनिया हो जाता है।
इसी प्रकार के प्रभाव अन्य केमिकल के शरीर में जाने से आते हैं। कलर गले में चला जाए तो फेफड़ों को भी नुकसान हो सकता है। बचाव के लिए सबसे बढ़िया तरीका वाटर कलर से परहेज करना व गुलाल से खेलना है। होली खेलते समय या खेलने के बाद किसी भी प्रकार की दिक्कत आए तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
नशे में होली ठीक नहींचर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेंद्र गुप्ता ने बताया कि कलर में एसिड होता है जिसका इस्तेमाल करने पर लोगों की स्किन खराब हो जाती है। इसके अलावा शीशा रहित कलर बाजार में उपलब्ध नहीं है। शीशा चर्म रोगों को बढ़ावा देता है।
चर्म रोगों से बचने के लिए गुलाल से होली खेलना सुरक्षित है लेकिन पानी वाले कलर बिल्कुल प्रयोग न करें। होली खेलने से पहले शरीर पर वैसलीन या नारियल तेल लगा लें और पूरे बाजू के कपड़े पहनकर होली खेलें, कलर लगे तो तुरंत स्किन धो लें। शराब, अफीम, गांजा व भांग आदि का नशा करके होली न खेलें क्योंकि ऐसा करने से स्किन पर दिक्कत आने का पता ही नहीं चलता। किसी भी प्रकार की दिक्कत आने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
रोशनी छीन सकता है कलरनेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. वरुण कवात्रा का कहना है कि होली में लापरवाही बरतने पर संबंधित व्यक्ति के आंखों की रोशनी भी जा सकती है। होली खेलते समय अक्सर आंखों में रंग चला जाता है जो हानिकारक है।
दरअसल कलर में एसिड व एल्कली नामक नुकसानदेह तत्व होते हैं जो पुतली में जख्म भी कर देते हैं जिससे रोशनी जा सकती है। सबसे बड़ी सावधानी नेचुरल कलर के साथ खेलना ही है लेकिन कलर यदि आंख में गिरे तो तुरंत साफ कर लें। बावजूद इन सावधानियों के यदि धुंधला व कम नजर आए व आंख में लाली आ जाए और पानी आने लगे तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें और उपचार कराएं।