हिसार 10 फरवरी
पिछले कुछ दिनों से सूरज के गर्म होते तेवरों को मंगलवार को छाए बादलों ने ठंडा कर दिया और मौसम में ठंडक फैल गई। सुबह से ही छाए बादलों के कारण शाम को हल्की बूंदाबांदी भी हुई। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के अनुसार आने वाले तीन-चार दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले बादलों में गरज व चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है तथा इसके बाद में आंशिक बादल छाए रहने व तापमान में गिरावट आने की संभावना है। इस दौरान अधिकतम तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच तथा न्यूनतम तापमान 3 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। हवा की गति 6 से 9 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी और इसकी दिशा में बदलाव की संभावना है।
मौसम की संभावित परिस्थितियों को देखते हुए कृषि विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि बरसात की संभावना के चलते किसान गेहूं, पछेती सरसों, जौ व अन्य फसलों में दो-तीन दिन तक सिंचाई नहीं करें। जो सूरजमुखी की खेती करना चाहते हैं वो मौसम साफ होने पर ही बिजाई करें व इसके उन्नत किस्में हरियाणा सूरजमुखी नं. 1 तथा संकर किस्में केबीएसएच-1, पीएसी-36, एमएसएफएच-8, पीसीएसएच-234, केबीएसएच 44, एचएसएफएचञ्-848 का प्रयोग करें।
विशेषज्ञयों के अनुसार बादल छाए रहने के कारण सरसों की फसल पर माहू, चेपा या अल का प्रकोप हो सकता है। यदि ऐसा हो तो 250 से 400 मिलीलिटर मैटासिस्टाक्स 25 ईसी या रोगोर 30 ईसी को 400 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ मौसम साफ होने पर ही छिडक़ाव करें।
उन्होंने बताया कि बसन्तकालीन टमाटर व मिर्च की पौध की खेत में रोपाई करें प्याज व लहसुन की फसलों की आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करें। पशुओं से संबंधित सलाह देते हुए उन्होंने बताया कि यदि गाय-भैंस को मुंह व खुरपका बीमारी से बचाव का टीका अब तक न लगवाया हो तो ये टीके लगवा लें। ये टीके पशुचिकित्सालय में मुफ्त लगते हैं। पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए चारे के साथ प्रतिदिन 50 ग्राम आयोडीन युक्त नमक व 30 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य खिलाएं।
विशेषज्ञयों के अनुसार बादल छाए रहने के कारण सरसों की फसल पर माहू, चेपा या अल का प्रकोप हो सकता है। यदि ऐसा हो तो 250 से 400 मिलीलिटर मैटासिस्टाक्स 25 ईसी या रोगोर 30 ईसी को 400 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ मौसम साफ होने पर ही छिडक़ाव करें।
उन्होंने बताया कि बसन्तकालीन टमाटर व मिर्च की पौध की खेत में रोपाई करें प्याज व लहसुन की फसलों की आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करें। पशुओं से संबंधित सलाह देते हुए उन्होंने बताया कि यदि गाय-भैंस को मुंह व खुरपका बीमारी से बचाव का टीका अब तक न लगवाया हो तो ये टीके लगवा लें। ये टीके पशुचिकित्सालय में मुफ्त लगते हैं। पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए चारे के साथ प्रतिदिन 50 ग्राम आयोडीन युक्त नमक व 30 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य खिलाएं।
पिछले कुछ दिनों से सूरज के गर्म होते तेवरों को मंगलवार को छाए बादलों ने ठंडा कर दिया और मौसम में ठंडक फैल गई। सुबह से ही छाए बादलों के कारण शाम को हल्की बूंदाबांदी भी हुई। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के अनुसार आने वाले तीन-चार दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले बादलों में गरज व चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है तथा इसके बाद में आंशिक बादल छाए रहने व तापमान में गिरावट आने की संभावना है। इस दौरान अधिकतम तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच तथा न्यूनतम तापमान 3 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। हवा की गति 6 से 9 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी और इसकी दिशा में बदलाव की संभावना है।
मौसम की संभावित परिस्थितियों को देखते हुए कृषि विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि बरसात की संभावना के चलते किसान गेहूं, पछेती सरसों, जौ व अन्य फसलों में दो-तीन दिन तक सिंचाई नहीं करें। जो सूरजमुखी की खेती करना चाहते हैं वो मौसम साफ होने पर ही बिजाई करें व इसके उन्नत किस्में हरियाणा सूरजमुखी नं. 1 तथा संकर किस्में केबीएसएच-1, पीएसी-36, एमएसएफएच-8, पीसीएसएच-234, केबीएसएच 44, एचएसएफएचञ्-848 का प्रयोग करें।
विशेषज्ञयों के अनुसार बादल छाए रहने के कारण सरसों की फसल पर माहू, चेपा या अल का प्रकोप हो सकता है। यदि ऐसा हो तो 250 से 400 मिलीलिटर मैटासिस्टाक्स 25 ईसी या रोगोर 30 ईसी को 400 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ मौसम साफ होने पर ही छिडक़ाव करें।
उन्होंने बताया कि बसन्तकालीन टमाटर व मिर्च की पौध की खेत में रोपाई करें प्याज व लहसुन की फसलों की आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करें। पशुओं से संबंधित सलाह देते हुए उन्होंने बताया कि यदि गाय-भैंस को मुंह व खुरपका बीमारी से बचाव का टीका अब तक न लगवाया हो तो ये टीके लगवा लें। ये टीके पशुचिकित्सालय में मुफ्त लगते हैं। पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए चारे के साथ प्रतिदिन 50 ग्राम आयोडीन युक्त नमक व 30 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य खिलाएं।
विशेषज्ञयों के अनुसार बादल छाए रहने के कारण सरसों की फसल पर माहू, चेपा या अल का प्रकोप हो सकता है। यदि ऐसा हो तो 250 से 400 मिलीलिटर मैटासिस्टाक्स 25 ईसी या रोगोर 30 ईसी को 400 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ मौसम साफ होने पर ही छिडक़ाव करें।
उन्होंने बताया कि बसन्तकालीन टमाटर व मिर्च की पौध की खेत में रोपाई करें प्याज व लहसुन की फसलों की आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करें। पशुओं से संबंधित सलाह देते हुए उन्होंने बताया कि यदि गाय-भैंस को मुंह व खुरपका बीमारी से बचाव का टीका अब तक न लगवाया हो तो ये टीके लगवा लें। ये टीके पशुचिकित्सालय में मुफ्त लगते हैं। पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए चारे के साथ प्रतिदिन 50 ग्राम आयोडीन युक्त नमक व 30 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य खिलाएं।